Not known Factual Statements About sidh kunjika
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Those that browse Devi Mahatmya with out this prayer of Kunjika will not likely get to the forest of perfection as they'll weep on your own without any just one to protect or protect them.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.